पच्चास वर्षों से लोकसभा और विधानसभा का परिसीमन नही हुआ – अंगद कुशवाहा

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संवाददाता :- विकास कुमार

NGTV NEWS । सहरसा । सहरसा राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अंगद कुशवाहा ने आज सहरसा में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जी ने संकल्प लिया है कि 50 वर्षो से लोकसभा और विधानसभा का परिसीमन नही हुआ है इसके लिए आंदोलन कर जन जन तक लोगों के बीच पहुंचाने का काम करेंगे।जबकि दक्षिण भारत के लोगों ने लोकसभा और राज्यसभा में सवाल उठाया है कि परिसीमन नही होना चाहिए. लेकिन राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी परिसीमन के लिए आंदोलन करेगी उन्होंने कहा कि “संवैधानिक अधिकार – परिसीमन सुधार” की लड़ाई को जनआंदोलन का स्वरूप दिया जाएगा और जब तक बिहार और उत्तर भारत के राज्यों को जनसंख्या के आधार पर न्यायोचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 82 और अनुच्छेद 170 के तहत प्रत्येक जनगणना के बाद लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन का प्रावधान है, लेकिन 1976 में आपातकाल के दौरान 42 वें संविधान संशोधन के माध्यम से परिसीमन को 25 वर्षों के लिए फ्रीज कर दिया गया और यह रोक 2026 तक के लिए बढ़ा दी गई, इससे उत्तर भारत विशेषकर बिहार जैसे राज्यों को भारी नुकसान हुआ है।उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में औसतन 10 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सीट है, जबकि उत्तर भारत में यह संख्या लगभग 31 लाख है, इससे न केवल बिहार का राजनीतिक प्रतिनिधित्व कम हुआ है बल्कि विकास के संसाधनों का भी असमान वितरण हुआ है, सांसद निधि का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि समान निधि राशि अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में कम प्रभावी होती है, वहीं जिला अध्यक्ष अर्चना आनन्द ने कहा कि परिसीमन अगर होता है तो इससे देश और राज्य के विकास के साथ साथ हम महिलाओं का भी विकास होगा. हमलोगों के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा जी ने जो मुद्दा उठाया है उसे हमलोग आगे ले जाने का काम करेंगे।

Gautam Kumar

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