जानें कैसा था सीटिंग प्लान डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार, दिखी दूरियां

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डेस्क / नई दिल्ली । इकॉनमी के डॉक्टर माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। राजकीय सम्मान के साथ निगम बोध घाट पर सिख परंपराओं के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर पीएम मोदी समेत सरकार के कई मंत्री और राष्ट्रपति भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार में बैठने की व्यवस्था ने राजनीतिक फूट को उजागर कर दिया। सरकार और कांग्रेस खेमा, कतार के दो अलग-अलग हिस्सों में बैठे दिखाई दिए।

दोनों दलों के बीच तल्खी

हालांकि यह दोनों दलों के बैठने की व्यवस्था राजकीय प्रोटोकॉल के कारण हो सकता है, लेकिन यह कांग्रेस और बीजेपी के बीच की ठंडी तल्खी को दर्शाता है। यह तल्खी अंतिम संस्कार की पूर्व संध्या पर कांग्रेस की उस मांग के बाद और बढ़ गई थी कि सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह पर किया जाए, जिसे उनके स्मारक के रूप में विकसित किया जा सके।

बीच में राष्ट्रपति और लोकसभा स्पीकर

एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में रक्षा और गृह मंत्री, नौकरशाह, सेना प्रमुख आदि शामिल थे। दूसरी तरफ कांग्रेस खेमे में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मनमोहन सिंह के परिवार के सदस्य मौजूद थे। दिलचस्प बात यह है कि दोनों पक्षों के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला बैठे थे।

पंचतत्व में विलीन हुए डॉ मनमोहन

शनिवार सुबह डॉ. सिंह का शव उनके मोतीलाल नेहरू मार्ग से कांग्रेस मुख्यालय अकबर रोड पर लाया गया। जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और अन्य लोग मौजूद थे। पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ता मनमोहन सिंह अमर रहे के नारे लगाते रहे। पार्टी मुख्यालय में ही कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सीनियर नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उसके बाद डॉ. सिंह की शव यात्रा सेना की फूलों से सजी गाड़ी में अकबर रोड से शुरू होकर रिंग रोड होते हुए निगम बोध घाट पहुंची। राहुल गांधी और डॉ. सिंह के परिवार के सदस्य इसी गाड़ी में शवयात्रा के साथ निगम बोध घाट पहुंचे।

Anu gupta

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