अमेरिकी शेयर बाजार धड़ाम हो गया, चंद सेकेंड्स में ₹93.5 लाख करोड़ डूबे

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NGTV NEWS । NEWS DESK । 27 जनवरी 2025 को अमेरिकी शेयर बाजार में आई गिरावट के और भी कारण हैं:- 1. चीनी AI स्टार्टअप DeepSeek की नई टेक्नोलॉजी का असर -चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने एक नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल पेश किया है, जो कम लागत और कम एनर्जी खर्च करेगा. इससे NVIDIA जैसी अमेरिकी AI कंपनियों के लिए कॉम्पीटिशन बढ़ेगा. लिहाजा कंपनियों की आमदनी और मुनाफे पर असर होगा. इसी का असर NVIDIA के शेयरों में पर है, शेयर 10% की गिरावट देखी गई.

2. टेक्नोलॉजी कंपनियों के तिमाही नतीजों से पहले चिंता-इस सप्ताह Microsoft, Meta Platforms, Apple, और Tesla जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं. निवेशकों में इन परिणामों को लेकर अनिश्चितता है, जिससे बाजार में घबराहट बढ़ी है.

3. फेडरल रिजर्व की अगली बैठक से पहले टेंशन- इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक होने वाली है, जिसमें ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा. निवेशकों को इस बैठक के परिणामों को लेकर चिंता है, जो बाजार की अस्थिरता में योगदान दे रही है.

एआई ने कैसे चिंता बढ़ाई है. सीएनबीसी पर एक्सपर्ट्स ने बताया कि पिछले हफ़्ते, डीपसीक ने एक ओपन सोर्स एआई मॉडल जारी किया. कंपनी ने दिसंबर में एक ओपन सोर्स लार्ज-लैंग्वेज मॉडल लॉन्च किया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी कीमत 6 मिलियन डॉलर से भी कम थी. जबकि वॉल स्ट्रीट इस डेटा पर सवाल उठा रहा है, विदेशी स्टार्टअप अभी भी चिंता जता रहा है कि बड़े एआई मॉडल बनाने के लिए खर्च किए जा रहे अरबों डॉलर को और भी सस्ते में बनाया जा सकता है.

पिछले कुछ महीनों में माइक्रोसॉफ्ट ने भारी भरकम निवेश की घोषणाओं की. खबर आई थी कि 25 में 80 बिलियन डॉलर खर्च कर रही है. जबकि मेटा ने हाल ही में 6 बिलियन डॉलर से 65 बिलियन डॉलर के बीच निवेश की घोषणा की है.

जेपी मॉर्गन के एक्सपर्ट्स ने संदीप देशपांडे ने लिखा है कि अमेरिका में एआई निवेश में इन बड़ी रकम के निवेश पर सवाल उठने लगे है. ऐसे में कंपनियों की आमदनी और मुनाफे पर असर होना तय है

सोमवार को शेयर बाजारों में गिरावट का मुख्य कारण एआई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि एआई कंपनियों के स्टॉक्स का बुलबुला अब फूट सकता है, क्योंकि चीनी स्टार्टअप डीपसीक ने बहुत कम लागत में एआई मॉडल तैयार किया है. इसी का असर बाजारों पर दिख रहा है. डाओ जोंस 1 फीसदी, नैस्डैक 3 फीसदी और एसएंडपी 2 फीसदी टूट गया है. मार्केट खुलते ही एक घंटे में कंपनियों की मार्केट कैप 1.1 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर (रुपये में देखें तो करीब 93.5 लाख करोड़ रुपये डूब गए.

एनवीडिया में 10% की गिरावट, ब्रॉडकॉम- 12% टूटा, और AMD -4% की गिरावट आई. माइक्रोसॉफ्ट -4% का टूटा है. अन्य मेगाकैप टेक-अमेज़न और मेटा प्लेटफ़ॉर्म 2.8% और 2.2% गिरा है.

चीन से आए डर ने 93.5 लाख करोड़ डूबो दिए- डाओ जोंस मार्केट डेटा के मुताबिक- DeepSeek की चिंता ने अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों की मार्केट कैप में 1.1 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान पहुंचाया है.

टेक्नोलॉजी कंपनियों के तिमाही नतीजों से पहले चिंता-इस सप्ताह Microsoft, Meta Platforms, Apple, और Tesla जैसी प्रमुख तकनीकी कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं. निवेशकों में इन परिणामों को लेकर अनिश्चितता है, जिससे बाजार में घबराहट बढ़ी है.

फेडरल रिजर्व की अगली बैठक से पहले टेंशन- इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक होने वाली है, जिसमें ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा. निवेशकों को इस बैठक के परिणामों को लेकर चिंता है, जो बाजार की अस्थिरता में योगदान दे रही है.

एआई ने कैसे चिंता बढ़ाई है. सीएनबीसी पर एक्सपर्ट्स ने बताया कि पिछले हफ़्ते, डीपसीक ने एक ओपन सोर्स एआई मॉडल जारी किया. कंपनी ने दिसंबर में एक ओपन सोर्स लार्ज-लैंग्वेज मॉडल लॉन्च किया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसकी कीमत 6 मिलियन डॉलर से भी कम थी. जबकि वॉल स्ट्रीट इस डेटा पर सवाल उठा रहा है, विदेशी स्टार्टअप अभी भी चिंता जता रहा है कि बड़े एआई मॉडल बनाने के लिए खर्च किए जा रहे अरबों डॉलर को और भी सस्ते में बनाया जा सकता है.

पिछले कुछ महीनों में माइक्रोसॉफ्ट ने भारी भरकम निवेश की घोषणाओं की. खबर आई थी कि 25 में 80 बिलियन डॉलर खर्च कर रही है. जबकि मेटा ने हाल ही में 6 बिलियन डॉलर से 65 बिलियन डॉलर के बीच निवेश की घ

यहां आपको बता दें कि AI की बिजली खपत बहुत अधिक होती है. खासकर बड़े मॉडलों के टेस्ट और उससे बनाने में होती है. 

AI में बिजली का यूज- डेटा सेंटर्स और सर्वर में होता है- AI मॉडल का टेस्ट और एग्जीक्यूशन बड़े डेटा सेंटर्स में होता है, जिनमें हजारों GPU और TPU (Tensor Processing Units) काम करते हैं. डेटा सेंटर्स की बिजली खपत में AI एक बड़ा योगदान देता है, और एक मॉडल के टेस्ट में लाखों वॉट बिजली की आवश्यकता होती है.

ट्रेनिंग- बड़े AI मॉडल जैसे GPT-4 को प्रशिक्षित करने में हजारों GPU/TPU घंटे लगते हैं, जो भारी एनर्जी यूज करते हैं. उदाहरण के लिए:- GPT-3 को टेस्ट करने में लगभग 1,287 मेगावाट-घंटे बिजली की खपत हुई थी, जो औसतन 126 अमेरिकी घरों के पूरे साल की बिजली खपत के बराबर है.

Anu gupta

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