कार्यस्थल पर महिलाओं को निर्भिकता प्रदान करने में सहायक है आन्तरिक परिवाद समिति-मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी
NGTV NEWS । औरंगाबाद । माननीय बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के ई-मेल दिनांक 25.01.2025 द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेद्य, निवारण) अधिनियम, 2013 के सम्बन्ध में माननीय सर्वौच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 2482/2014 (औरिलियानों फर्नांडीस बनाम स्टेट औफ गोवा) में दिनांक 12.05.2023 के पारित आदेश के आलोक में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी-सह अध्यक्ष आन्तरिक परिवाद समिति, श्रीमती माधवी सिंह के द्वारा व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभी तृतीय वर्ग एवं चतुर्थ वर्गीय महिला कर्मीयों के लिए विधिक सेवा सदन में एक जागरूकता कार्यक्रम-सह कार्यशाला- का आयोजन किया गया है।
इस जागरूकता कार्यक्रम-सह कार्यशाला-में मुख्य वक्ता के रूप में मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, श्रीमती माधवी सिंह ने व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभी महिला कर्मियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खतरे से निपटने के लिए भारतीय संसद ने कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न, रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम, 2013 पारित किया गया है। इस अधिनियम में स्पष्ट शब्दो में कहा गया है कि किसी भी कार्यस्थल पर महिला पर यौन उत्पीड़न नहीं किया जायेगा। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी द्वारा कहा गया कि यह अधिनियम 9 दिसम्बर, 2013 से लागू हुआ है जिसका मुख्य उद्देष्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन के खिलाफ संरक्षण, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम, यौन उत्पीड़न की शिकायतों का निवारण, इससे जुड़े या होने वाले मामलों से निपटना है। जिस कार्यस्थल पर 10 महिला कर्मी कार्यरत है वहां पर आन्तरिक परिवाद समिति का गठन आवश्यक है। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी द्वारा कार्यस्थल पर अवांछनीय कार्य या व्यवहार चाहे प्रत्यक्ष रूप से या विवक्षित रूप से जिसके अन्तर्गत शारीरिक सम्पर्क और अग्रगमन, लैगिंक अनुकूलता की माॅंग या अनरोध, लैंगिक टिप्पणियां करना, अष्लील साहित्य दिखाना, लैगिक प्रकृति का कोई अन्य अवांछनीय शारीरिक, मौखिक या अमौखिक आचरण करना इत्यादि आते हैं जिसके लिए आप सभी लिखित रूप से शिकायत कर सकते हैं। यह आन्तरिक परिवाद समिति आपको अपने कार्यस्थल पर कार्य करने में निर्भिकता प्रदान करने में पुरा सहायक है। इस आन्तरिक समिति के अन्य सदस्य अनुमण्डलीय न्यायिक दण्दाधिकारी श्रीमती निधि जायसवाल तथा पैनल अधिवकता श्रीमती स्नेहलता द्वारा भी कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित अन्य प्रावधानों से उपस्थित महिला कर्मियों को अवगत कराया गया।
Anu gupta