क्या ट्रंप हैं जिम्मेदार? बाजार क्रैश, निवेशकों के 7.46 लाखों करोड़ खाक।

Share on Social Media

download.jpeg

 क्या ट्रंप हैं जिम्मेदार? बाजार क्रैश, निवेशकों के 7.46 लाखों करोड़ खाक।

NG TV desk Share market अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके बाद शुक्रवार (28 फरवरी) को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली। वैश्विक बाजारों में आई बिकवाली का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में तेज गिरावट दर्ज की गई। शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 790.87 अंक गिरकर 73,821.56 पर आ गया, जबकि निफ्टी 231.15 अंक टूटकर 22,313.90 पर पहुंच गया। बाद में दोनों 1.3 फीसदी से ज्यादा गिर गए। इस गिरावट से निवेशकों के 7.46 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।

सेंसेक्स के टॉप लूजर्स की सूची में इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टेक महिंद्रा, HCL टेक, इन्फोसिस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और मारुति शामिल रहे। इन सभी शेयरों में भारी बिकवाली देखी गई। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज और HDFC बैंक सेंसेक्स के दो ऐसे स्टॉक्स रहे, जो हरे निशान में बने रहे। एक्सिस बैंक में भी तेजी दिखी। इन तीनों के अलावा सेंसेक्स टॉप 30 के सभी स्टॉक लाल निशान में हैं।

एशियाई और अमेरिकी बाजारों में भी गिरावट

एशियाई बाजारों में भी जबरदस्त बिकवाली देखी गई। सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजार लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजारों में भी गुरुवार को तेज गिरावट दर्ज की गई थी। इसकी वजह ट्रंप का ट्रेड वॉर है, जिससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।

ट्रंप के टैरिफ फैसले से बढ़ी अनिश्चितता

Geojit Financial Services के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, “शेयर बाजार अनिश्चितता पसंद नहीं करता, और जब से ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति बने हैं, तब से अनिश्चितता लगातार बनी हुई है। नए टैरिफ लगाने की उनकी नीति बाजारों पर लगातार असर डाल रही है। चीन पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा इस बात की पुष्टि करती है कि ट्रंप अपने कार्यकाल की शुरुआत में विभिन्न देशों को टैरिफ से डराकर अमेरिका के हित में समझौते करने की रणनीति अपना रहे हैं। अब यह देखना होगा कि चीन इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।

वहीं, StoxBox के सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट अमेया रणदिवे ने कहा, “एशियाई बाजारों में शुक्रवार को गिरावट आई क्योंकि अमेरिकी शेयर बाजार में भारी बिकवाली हुई थी। निवेशक Nvidia कॉर्प के कमजोर नतीजों, अमेरिकी टैरिफ नीतियों और मिश्रित आर्थिक आंकड़ों के कारण असमंजस में हैं।”

FIIs की बिकवाली और कच्चे तेल में गिरावट

Reliance Securities के हेड ऑफ रिसर्च विकास जैन के अनुसार, “एशियाई बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली, जिसमें कुछ सूचकांक 2.5% तक टूट गए। ट्रंप ने पुष्टि कर दी है कि कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25% शुल्क 4 मार्च से लागू होगा, साथ ही चीन से आयात पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगेगा। इससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।”

क्या बाजार में और गिरावट आ सकती है?

शेयर बाजार में वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते अस्थिरता बनी रह सकती है। यदि चीन इस पर कड़ा जवाब देता है, तो बाजार में और दबाव देखने को मिल सकता है। हालांकि, भारतीय अर्थव्यवस्था की लॉन्ग-टर्म ग्रोथ मजबूत बनी हुई है और जैसे ही वैश्विक स्थितियां सामान्य होंगी, बाजार में रिकवरी की संभावना है।

एक्सचेंज डेटा के मुताबिक, गुरुवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 556.56 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.47% गिरकर 73.69 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। गुरुवार को सेंसेक्स 10.31 अंक (0.01%) की बढ़त के साथ 74,612.43 पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी 2.50 अंक (0.01%) गिरकर 22,545.05 पर बंद हुआ, जो लगातार सातवां दिन था जब इसमें गिरावट दर्ज की गई।

Anu Gupta

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!