डेस्क/ नई दिल्ली । भारत सोमवार को अंतरिक्ष-डॉकिंग तकनीक वाले देशों के एक विशिष्ट समूह का हिस्सा बनने के एक कदम और करीब पहुंच गया है। इसने अंतरिक्ष में दो अंतरिक्ष यान को जोड़ने की क्षमता का प्रदर्शन करने जा रहा है। इसेक लिए इसरो की तरफ से 220 किलोग्राम वजन वाले दो छोटे उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया जा चुका है। स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (SpaDeX) मिशन का हिस्सा उपग्रहों ने श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट में पहले लॉन्चपैड से PSLV-C60 पर रात 10 बजे के करीब उड़ान भरी।
एलीट क्लब में शामिल होगा भारत
इसरो की तरफ से 475 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में स्थापित किया जा चुका। दो उपग्रहों में से पहला प्रक्षेपण के 15.1 मिनट बाद अलग हो गया, और दूसरा 15.2 मिनट पर हुआ। यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक एम. शंकरन के अनुसार, अलग-अलग प्रक्षेपित किए जाने वाले उपग्रहों – ‘चेजर’ और ‘टारगेट’ अंतरिक्ष यान को शुरू में उनके बीच एक छोटे सापेक्ष वेग के साथ छोड़ा जाएगा।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने लॉन्च के तुरंत बाद कहा कि यह मिशन चंद्रयान-4 और नियोजित भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) सहित भारत के भविष्य के अंतरिक्ष प्रयासों के लिए महत्वपूर्ण है, जैसा कि इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने पुष्टि की है। रॉकेट ने उपग्रह को सही कक्षा में स्थापित कर दिया है। उपग्रह एक के पीछे एक चले गए।
24 POEM पेलोड।।,।।।।।।
प्राथमिक डॉकिंग प्रयोग के अलावा, PSLV ऑर्बिटल एक्सपेरीमेंटल मॉड्यूल (POEM) ने 24 इनोवेटिव पेलोड ले जाए। इनमें कई अभूतपूर्व प्रयोग शामिल हैं। भारत के पहले एस्ट्रोबायोलॉजी पेलोड मुख्य आकर्षणों में से हैं, जिसमें आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग का माइक्रोबायोलॉजिकल प्रयोग शामिल है। यह अंतरिक्ष में आंत के बैक्टीरिया के व्यवहार का अध्ययन करेगा। एमिटी यूनिवर्सिटी का माइक्रोग्रैविटी में पालक की वृद्धि की जांच करेगा
प्राइवेट सेक्टर ने भी POEM पर पेलोड भेजे हैं। अहमदाबाद स्थित स्टार्टअप पियरसाइट ने वरुणा को लॉन्च किया है। यह समुद्री निगरानी के लिए भारत का पहला निजी सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) उपग्रह हो सकता है। कंपनी का लक्ष्य 2028 तक व्यापक समुद्री निगरानी के लिए 32 उपग्रहों का समूह स्थापित करना है।
Anu gupta