NGTV NEWS । News Desk । Bengaluru news मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण में ईडी की छापेमारी की गई। मामला धन शोधन से जुड़ा है। ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ जमीन आवंटन मामले में मामला दर्ज किया है। ईडी की टीम केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के साथ छापा मारने पहुंची थी। इधर ईडी की छापेमारी के बाद कांग्रेस शासित राज्य में सियासी पारा चढ़ गया है।
ईडी अधिकारियों ने मैसूरु स्थित एमयूडीए कार्यालय और बेंगलुरु में कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की। देवराजू के आवास की भी तलाशी ली गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री या उनके परिवार के किसी परिसर पर छापेमारी नहीं की जा रही है।
सीआरपीएफ तैनात कर रेड
मैसूरु स्थित एमयूडीए कार्यालय में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को तैनात किया गया। आम लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया। एमयूडीए सचिव प्रसन्ना कुमार ने कहा कि ईडी की जांच टीम आई है, वे जो भी जानकारी मांगेंगे, हम उपलब्ध कराएंगे। कुमार ने कहा, ‘उन्होंने (ईडी अधिकारियों) कहा है कि वे आज और कल यहीं काम करेंगे। कर्मचारियों में से वे जिस किसी से भी मिलना चाहेंगे, हम उन्हें बुलाएंगे और जानकारी देंगे।’
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा कि ईडी जानकारी जुटा सकती है। आप इसे छापेमारी क्यों कह रहे हैं? वे शायद दस्तावेज मांग रहे हैं, जो मुहैया कराए जा सकते हैं। पूर्व सांसद डी. के. सुरेश ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित मामला और राजनीति से प्रेरित छापेमारी करार दिया। शहरी विकास मंत्री सुरेश बी.एस. ने कहा कि एमयूडीए, ईडी को उसके मांगे गए सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएगा।
बेजीपी और जेडीएस ने साधा निशाना
विपक्षी बीजेपी और जेडीएस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी का स्वागत करते हुए आज कहा कि घोटाले को उजागर करने व सच्चाई सामने लाने के लिए ये छापे जरूरी हैं। दोनों दलों के नेताओं ने इस मामले में ईडी की जांच पर सवाल उठाने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना की और पूछा कि क्या उनकी सरकार के तहत काम करने वाले लोकायुक्त पुलिस द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच संभव है। एमयूडीए मामले को सरकारी जमीन हड़पने वाला ‘घोटाला’ करार देते हुए केंद्रीय मंत्री और जद (एस) नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, ‘देखते हैं कि ईडी जांच से क्या निकलता है।’
Anu gupta