NGTV NEWS । NEWS DESK । केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार के रेलवे क्लेम घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना, नालंदा और कर्नाटक के मैंगलूरु में पांच ठिकानों पर छापेमारी की है। इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करीब 100 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप है। इसके बाद अब यह एक्शन देखने को मिल रहा है।
दरअसल, ईडी इस मामले में कई जुडिशियल अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। खासकर, रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आर.के. मित्तल और वकील बी.एन. सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। जानकारी हो कि आर.के. मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया था। उसके बाद अब इस मामले में जांच एजेंसी का एक्शन नजर आया है।अब देखना यह है कि एजेंसी को इस छापेमारी में क्या कुछ मिलाता है।
यह मामला सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए जांच एजेंसियों को निर्देशित किया था। माना जा रहा है कि इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दावे दाखिल किए गए थे और फिर उन दावों के आधार पर बड़ी रकम हड़पी गई थी। इस पूरे रैकेट में कई लोगों की मिलीभगत थी।
इधर, ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही है। एजेंसी ने छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर ईडी इस मामले में आगे की कार्रवाई करेगी।
Anu gupta