NGTV NEWS । NEWS DESK । अभिनेता सैफ अली खान पर घर में घुसकर चाकू से हमला हुआ. 5 दिन तक अस्पताल में इलाज के बाद वो घर लौट आएं, लेकिन उनकी मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही. अगली मुसीबत उनकी संपत्ति पर आ गई है. उनकी 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर सरकार कब्जा कर सकती है. नबाव पटौदी के वारिस सैफ अली खान की 15 हजार करोड़ की संपत्ति पर सरकारी कब्जा हो सकता है. सरकार पटौदी खानदारी की भोपाल रियासत की ऐतिहासिक जमीन पर शत्रु संपत्ति एक्ट के तहत कब्जा कर सकती है.
दरअसल नवाब पटौदी की भोपाल स्थित 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर साल 2015 से ही मध्य प्रदेश की अदालत ने स्टे लगा रखा था, लेकिन अब उस स्टे को हटा दिया गया है. पटौदी खानदान को अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई दावा पेश करने पहुंचा नहीं, ऐसे में अब इस संपत्ति को सरकार अपने कब्जे में ले सकती है
क्या होती है शत्रु संपत्ति
जो लोग 1947 के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए, उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति के दायरे में रखा जाता है. यानी जिन लोगों ने भारत -पाकिस्तान विभाजन या भारत-चीन युद्ध के बाद भारतीय नागरिकता छोड़ दी थी. उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति के तौर पर गिना जाता है. भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्लाह खान की बड़ी बेटी आबिदा सुल्तान आजादी के बाद पाकिस्तान चली गई थीं. इसके बाद नवाब की दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान के वंशज , जिसमें सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर शामिल हैं, उन्होंने इस संपत्ति पर अपना दावा पेश किया. साजिदा सुल्तान नवाब पटौदी की मां और सैफ अली खान की दादी थीं. वे ताउम्र भारत में रही. उन्होंने सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और संपत्ति को शत्रु संपत्ति अधिनियम के दायरे में लाने के खिलाफ कोर्ट से स्टे लिया.
क्यों सरकार के कब्जे में आ सकती है सैफ की प्रॉपर्टी?
शत्रु संपत्ति अधिनियम 1968 के तहत सैफ की इन संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण हो सकता है. जो संपत्ति इस दायरे में आती है, उसका नियंत्रण और मैनेंटमेंट सरकार के पास आ जाता है. उन संपत्तियों पर भारत सरकार का अधिकार हो जाता है. उन संपत्तियों पर उत्तराधिकारी कानून नहीं लागू होता. इसपर दावे की गुंजाइश नहीं होती है. सरकार चाहे तो उन संपत्तियों की नीलामी कर सकती है.
Anu gupta