NGTV NEWS । NEWS DESK । 2025 बजट में कई बड़े एलान किए गए। बजट में सबसे ज्यादा राहत मध्यम वर्ग के परिवारों को देने की कोशिश की गई है। इस बजट में टैक्स रिजीम में भी बदलाव किया गया है।इस बजट के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट से पता चलता है कि केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित नए कर ढांचे से लगभग 5.65 करोड़ करदाताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो 4 लाख रुपये और उससे अधिक की आय स्लैब में आते हैं।
एक लाख करोड़ रुपये की बचत की संभावना
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार इन करदाताओं को सामूहिक रूप से लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की कर बचत होगी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 8 लाख रुपये से 12 लाख रुपये सालाना कमाने वाले व्यक्तियों को इन बदलावों से सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा।
एसबीआई की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नए टैक्स ढांचे से लगभग 5.65 करोड़ करदाताओं (4 लाख रुपये से ऊपर के कर स्लैब) को लाभ होगा, जिससे कुल कर बचत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये होगी।
रिपोर्ट में यह भी अनुमान है कि इस कर बचत से खपत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। 0.7 की सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (एमपीसी) का उपयोग करते हुए, रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अतिरिक्त डिस्पोजेबल आय से खपत में 3.3 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी।
इसके साथ ही व्यय में इस बढ़ोत्तरी के कारण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस वजह से अर्थव्यवस्था अधिक गतिशील होने की संभावना है। उच्च उपभोग स्तर विभिन्न क्षेत्रों में मांग को बढ़ाएगा, जिससे संभावित रूप से रोजगार सृजन और समग्र आर्थिक खुशहाली को बढ़ावा मिलेगा।
आयकर रिटर्न की प्रक्रिया भी हुई आसान
शनिवार को संसद में पेश हुए बजट में टैक्स रिलीफ के अलावा बजट में आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब सरकार ने अपडेटेड आयकर रिटर्न (ITR-U) दाखिल करने की समय सीमा 24 महीने से बढ़ाकर 48 महीने कर दी है। इस बदलाव का उद्देश्य करदाताओं को स्वेच्छा से अपनी आय का विवरण अपडेट करने और किसी भी अतिरिक्त कर का भुगतान करने के लिए अधिक समय देना है।
खपत को बढ़ाने के लिए साल 2014 में ‘शून्य कर’ स्लैब को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2023 में 7 लाख रुपये कर दिया था। हालांकि, सरकार ने 2-कर व्यवस्था को जारी रखा और करदाता को अपनी आय और कटौती के अनुसार चुनने के लिए छोड़ दिया।
78 प्रतिशत नई कर व्यवस्था के अंतर्गत हैं। सरकार ने अब केंद्रीय बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था में आयकर में बड़ी राहत देने का प्रस्ताव रखा है।
इन उपायों से सरकार को करा देने की प्रक्रिया को सरल बनाने, स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करने और खपत और निवेश में वृद्धि के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है
Anu gupta