क्या है खास असम की स्टार्टअप कंपनी में जिसकी PM मोदी ने भी की तारीफ; पेपर से है कनेक्शन
NG TV desk Assam असम स्थित एक स्टार्टअप कंपनी कुंभी कागज जलकुंभी से कागज बना रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी तारीफ भी की है। जलकुंभी (Water hycinath) जिसे स्थानीय रूप से ‘मेटेका’ के नाम से जाना जाता है, एक आक्रामक खरपतवार है जो आर्द्रभूमि को नुकसान पहुंचाता है।
असम के दो युवाओं रूपांकर भट्टाचार्य और अनिकेत धर ने वेटलेंड और इकोसिस्टम को संरक्षित करने के उद्देश्य से जलकुंभी से कागज बनाने की अपनी यात्रा शुरू की है। एएनआई से बात करते हुए कुंभी कागज के सह-संस्थापक रूपांकर भट्टाचार्जी ने कहा
क्या है जलकुंभी?
रूपांकर भट्टाचार्जी ने आगे कहा, हमें बताया कि जलकुंभी भारत में आर्द्रभूमि (wetlands) की एक बड़ी समस्या है, और जलकुंभी के कारण आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है। हमने जलकुंभी के 100 प्रतिशत रेशों को लुगदी में बदलकर कागज बनाना शुरू किया।
इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘हमारे साथ 100 से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं और अभी हमारी यूनिट में 16 लोग काम कर रहे हैं। हम गुवाहाटी और काजीरंगा अगोराटोली रेंज में दीपोर बील के पास एक समुदाय में काम करते हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर हमारे प्रोजेक्ट में हमारा भरपूर सहयोग कर रहे हैं। काजीरंगा में समुदाय के लोग हमारे साथ जुड़े हुए हैं।’
पीएम मोदी ने की तारीफ
2023 में ‘मन की बात’ के जरिए राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलकुंभी कागज स्टार्टअप का जिक्र किया, जो जलकुंभी से कागज बना रहा है।
Anu Gupta