IMD ने जारी किया अलर्ट,ठंड की विदाई के बीच फिर बढ़ेगी लोगों की परेशानी; रहें सावधान
प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbance) सक्रिय है। पूर्वोत्तर असम के पास चक्रवातीय हवा का प्रभाव बना हुआ है। कुछ हिस्सों में बादल ,वर्षा, तेज हवा के साथ तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। 24 घंटों के दौरान 30-40 किमी प्रतिघंटे से हवा का प्रभाव जारी रहेगा। 48 घंटों के दौरान न्यूनतम तापमान में दो से चार डिग्री की गिरावट आने से ठंड में वृद्धि हो सकती है।
आठ शहरों के न्यूनतम तापमान में आई कमी
मौसम विभाग के अनुसार, अधिकतम तापमान में फिलहाल परिवर्तन नहीं होने की संभावना है। रविवार को मौसम में आए बदलाव के कारण पटना सहित आठ शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
पटना का अधिकतम तापमान में 1.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 18.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 14.0 डिग्री सेल्सियस के साथ किशनगंज व वाल्मीकि नगर में सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।
32 डिग्री के पार पहुंचा बक्सर का पारा
पटना का अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि 32.8 डिग्री सेल्सियस के साथ बक्सर में सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। बीते 24 घंटों के दौरान उत्तर पश्चिम, दक्षिण पूर्व एवं मध्य भाग के एक या दो स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज की गई।
इन इलाकों में हुई बारिश
बेगूसराय के मटियानी में 7.2 मिमी, फतुहा में दो मिमी, मोकामा में 1.6 मिमी, वाल्मीकि नगर में 1.2 मिमी, वैशाली में 0.5 मिमी, बेगूसराय में 0.5 मिमी, पटना में 0.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबकि शेष भागों का मौसम सामान्य बना रहा।
मार्च के पहले सप्ताह में ही मौसम के मिजाज में तेजी से बदलाव दिख रहा है। तेज धूप व गरम हवा से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका है। तेज धूप से खेतों की नमी तेजी से कम हो रही है।
किसानों को गेहूं की सिंचाई ज्यादा करनी पड़ रही है। लागत बढ़ने के साथ ही पैदावार प्रभावित होने की आशंका है। इससे किसानों को आर्थिक क्षति की आशंका सता रही है।
किसानों के अनुसार गेहूं के पौधों में बाली आ गई है। तापमान बढ़ने से उत्पादन प्रभावित हो सकता है। गेहूं को पकने के लिए 25 से 30 डिग्री पारा अच्छा रहता है, लेकिन मार्च के शुरुआत में ही पारा 33 पर पहुंच गया है।
जिले में 2 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुआई हुई है, लेकिन धूप इतनी तेज हो रही है कि मिट्टी सूख जा रही है। इसकी वजह से किसानों को सिंचाई पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।
सुरेन्द्र सिंह, प्रमोद सिंह, गोलू शर्मा, नन्द शर्मा का कहना है कि बढ़ते तापमान से पौधे भी सूख रहे हैं। अगर इसी तरह से तापमान बढ़ता रहा और हवाएं चलती रहीं तो गेहूं की फसल का उत्पादन कम होगा।
इससे बालियों में पड़ने वाला दाना सूख जाएगा। वहीं तेज हवा के कारण मसूर की पौधे भी पीले पड़ जा रहे हैं। कृषि अधिकारी ने तापमान तेजी से बढ़ने व तेज हवा से फसलों में नमी का स्तर कम होने की बात कही है। ऐसे में गेहूं में बालियां छोटी रह जाएंगी।
तापमान में नरमी नहीं आई तो इस वर्ष प्रति हेक्टेयर करीब 50 किलो गेहूं का उत्पादन कम होने की आशंका है। जिन किसानों ने 15 दिसंबर के बाद गेहूं की बुआई की है उन्हें अधिक नुकसान होने का अनुमान है।
Anu Gupta