जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के बैनर तले जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद के अध्यक्ष जिला जज राजकुमार वन और सचिव न्यायधीश सुकूल राम के निर्देशन में मदरसा इस्लामिया औरंगाबाद में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया है। जिसका विषय – कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन शौषण निवारण, रोकथाम, प्रतिषेध अधिनियम 2013 पर विधिक जागरूकता शिविर था।जिसकी अध्यक्षता पैनल अधिवक्ता राणा सरोज सिंह ने किया और संचालन वरीय महिला पैनल अधिवक्ता स्नेहलता ने किया, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पोक्सो कोर्ट के स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता,पैनल अधिवक्ता अंजलि सिंह सरोज और पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही थे। पोक्सो कोर्ट के स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता ने बताया कि जानकारी के अभाव में बच्चों द्वारा अधिकतर अपराध की घटनाएं घटती हैं। यह बच्चों को जानने का अधिकार है क्या कार्य बाहर या घर में अपराध के श्रेणी में आते हैं।और वो कौन से अपराध है जो अनजान या रिश्तेदारों द्वारा करने पर भी अपराध है।पोक्सो एक्ट में 46 धाराएं हैं और झुठा पोक्सो एक्ट केस करने पर सूचक को सजा का प्रवधान है।अध्यक्षता कर रहे पैनल अधिवक्ता राणा सरोज सिंह ने कहा कि कार्यस्थल सार्वजनिक हो या निजी महिलाओं और किशोरियों का यौन शौषण या छेड़खानी या अश्लील हरकत कानून द्वारा अपराध के श्रेणी में आते हैं।और उसके लिए कड़ी से कड़ी सज़ा का प्रवधान है जो सज़ा बहुत कम समय में न्यायालय द्वारा अभियुक्त को मिल जाता है। पैनल अधिवक्ता अंजलि सिंह सरोज ने बताया कि बच्चों को निशुल्क पढ़ने का अधिकार संवैधानिक अधिकार है।और कानून में हम सब एक समान अधिकार रखते हैं।वरीय महिला पैनल अधिवक्ता स्नेहलता ने पोक्सो एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि 18 साल से कम उम्र के बच्चे इसके परिधि में है।आप को गुड टच और बैड टच को समझना चाहिए,बैड टच की शिकायत माता पिता और शिक्षक से करना चाहिए।अंत में पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सोशल मीडिया के विस्तार से अपराध समाज में बढ़ी है।इसलिए सतर्कता और सावधानी से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपयोग करें कोई यदि आपके फोटो या वीडियो पर ब्लैकमेल करता है तो माता पिता शिक्षक,महिला पुलिस को जानकारी दें।पारा विधिक स्वयं सेवक सुरेंद्र प्रसाद ने बच्चों को कानून के प्रति जागरूक रहने को कहा।
Gautam Kumar