Desk/ ED Raid । शुक्रवार की सुबह केंद्र सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी की कार्रवाई ने बिहार के सियासी गलियारे में सनसनी फैला दी है। ईडी की टीम ने केंद्रीय मंत्री और एलजेपी(रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के बेहद करीबी हुलास पांडेय के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इसके बाद अब इस मामले में एक और नया सच सामने आया है। खबर यह है कि इस पुरे मामले में बिहार सरकार के एक मंत्री के करीबी भी शामिल हैं। इसके अलावा ED के तरफ से हुलास पांडेय को समन भी जारी किया गया है।
दरअसल, पूर्व एमएलसी और लोजपा (आर ) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हुलास पांडेय के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी के बाद बालू के अवैध खनन सिंडिकेट की कड़ी में नए खुलासे हुए हैं। पूर्व एमएलसी के पटना स्थित दोनों ठिकानों से कई संदिग्ध कागजात बरामद किए गए हैं। इसमें बालू कारोबार से जुड़ी एक दूसरी कंपनी का नाम पहली बार सामने आया है।
मालूम हो कि हुलास पांडे एलजेपी(रामविलास) में ऊंची रसूख वाले नेता हैं। उनके ठिकानों पर ईडी की रेड को बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। वे लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (LJPR) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। हुलास पांडेय को केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (आर) के प्रमुख चिराग पासवान का सबसे करीबी नेता माना जाता है। चर्चा ये भी है कि क्या केंद्र सरकार ने हुलास पांडेय के बहाने चिराग पासवान पर शिकंजा कसा है? दरअसल चिराग पासवान से बीजेपी की नाराजगी जगजाहिर हो चुकी है।केंद्र में मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान के कई बयानों से बीजेपी में खासी नाराजगी हुई थी।
पिछले 25 दिसंबर को दिल्ली में जेपी नड्डा के घर हुई एनडीए नेताओं की बैठक से भी चिराग पासवान गायब थे। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान 22 दिसंबर से ही अमेरिका के टूर पर निकले हुए हैं। इससे पहले वे पेरिस और लंदन की निजी यात्रा पर गये थे, उस यात्रा को लेकर भी काफी विवाद हुआ था. चिराग पासवान को लेकर लगातार बीजेपी असहज हो रही थी. राजनीतिक गलियारे में चर्चा ये है कि हुलास पांडेय के ठिकानों पर हुई छापेमारी के तार चिराग पासवान से भी जुड़े हैं
Anu gupta