NGTV NEWS संवाददाता
औरंगाबाद । व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद कर्मचारी संघ द्वारा अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल शुरू कर दिया गया है। जिसका अभुतपूर्व प्रभाव न्यायिक कार्य पर देखा गया है, सभी कोर्ट के इजलास के बाहर ताला लटका रहा। न्यायिक कार्य बाधित रहने से अधिवक्ताओ और मुवक्किलों को भारी परेशानी के सामना करना पड़ा। न्यायालय परिसर में कोर्ट कार्य न होने से अधिवक्तागण न्यायिक कार्य से वंचित रहे जिससे वाद के पक्षकारों, गवाहों, आई ओ, एपीपी, एपीओ, पुलिस को निराश लोटना पड़ा, व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री कांत कुमार ने बताया कि हमारी चार मांगे राज्यव्यापी है यह हड़ताल भी राज्यव्यापी है। हमारी मांगे बहुप्रतीक्षित है जिसे पाने के हम हकदार हैं। हम सब साथी एकजुटता बरकरार रखें चाहें हड़ताल जितना दिन चले, हम सभी 38 जिलों के हड़ताल के सहभागिता बरकरार रखेंगे।
उच्च न्यायालय और राज्य सरकार से जुलाई 2024 तक मांगों के पत्रचार का लाभ नहीं दिया, जिसके कारण हम सब हड़ताल को मजबूर हुए, अनुशासन संयम और मर्यादा के हड़ताल जारी रखेंगे। ये आत्मसम्मान की लड़ाई बन गई है। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद कर्मचारी संघ के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार सिन्हा और ओम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि आज जो भी रिमांड के लिए अभियुक्त लाएं गये उन्हें लोटा दिया गया। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि जिला विधिक संघ औरंगाबाद के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय महासचिव जगनरायण सिंह ने कहा कि इस हड़ताल से अधिवक्ताओ का न्यायिक कार्य बहुत प्रभावित हुए हैं, हम आशा करते हैं कि शिघ्र ही राज्य सरकार और उच्च न्यायालय पटना हड़ताल समाप्ति के प्रयास करेंगे, जिससे न्यायिक कार्य शुरू हो सकें और मुवक्किलों को लाभ मिल सके।
Neeraj sen