मखाना की खेती से कमाते हैं लाखों रुपए, मशरूम उत्पादन और मीठा फल की भी कर रहे हैं खेती, बन चुके है जिले का ब्रांड

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संवाददाता :-विकास कुमार

NGTV NEWS । सहरसा । कृषि के क्षेत्र में अब बिहार भी लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है बिहार कृषि के क्षेत्र में उस ऊंचाई को छू चुका है जहां युवा वर्ग के लोग भी शामिल है महिलाएं भी शामिल है युवा कुछ हटकर कृषि के क्षेत्र में काम करना चाहते हैं इसके लिए अब विभाग भी ऐसे लोगों की मदद कर रही है।

चलिए आज हम एक ऐसे युवा किसान से मिलाते हैं जो कृषि के क्षेत्र में जिले का एक ब्रांड बन गया हैं नाम अली आलम है और रहने वाले महिषी प्रखंड के है अक्सर लोग असफलता के कारण निराश हो जाते है लेकिन अली आलम ने उन परिस्थितियों का सामना कर कृषि के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाया।दरअसल अली आलम कृषि के क्षेत्र में बेहतर काम करना चाहते थे लेकिन उन्हें कृषि के क्षेत्र के बारे कुछ जानकारी नहीं थी फिर उन्हें उद्यान निदेशालय का सहयोग मिला विभाग के तरफ से उन्हें जानकारियां दी गई सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया गया और सब्सिडी दी गई। जिसके माध्यम से अली आलम ने एक एकड़ में मखाना की खेती की शुरूआत किया एक एकड़ से अच्छा फायदा हो जाने के बाद उनका हौसला बढ़ा फिर दो एकड़ मे मखाना की खेती किया अधिक मुनाफा होने के कारण अली आलम ने 25 एकड़ में मखाने की खेती की शुरुआत की जो सफल रहा उन्हें लगभग 19 लाख का मुनाफा हुआ जिसे देख अली आलम का हौसला और भी बढ़ गया और उन्होंने विभाग को ढेर सारा आभार जताया।

अली आलम का काम यही तक नहीं रुका उन्होंने 25 एकड़ में मखाने की खेती की फिर उद्यान निदेशालय द्वारा उन्हें मशरूम उत्पादन का गुर सिखाया गया और उद्यान निदेशालय ने 1500 किट अली आलम को उपलब्ध कराकर मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में काम करवाया मशरूम उत्पादन में भी उन्हें बेहतर मुनाफा हुआ फिर शहद का कारोबार शुरू किया वह भी पूरी तरह से सफल रहा अली आलम 10वीं पास है और कृषि के क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं।

युवा किसान अली आलम ने बताया कि फिलहाल मखाना मीठा फल की खेती के साथ मशरूम उत्पादन कर रहे हैं अगर विभाग मेरी मदद नहीं करती तो आज इस मुकाम तक नहीं पहुँच पाते उद्यान विभाग के द्वारा मुझे सारी सुविधा उपलब्ध कराई गई शुरुआती दौड़ में मखाने की खेती पर 54000 का अनुदान उद्यान निदेशालय द्वारा दिया गया। इसके बाद मेरा हौसला और बढ़ता चला गया फिर लीज पर जमीन लेकर 25 एकड़ में मखाने की खेती किए जिसमें 19 लाख का फायदा हुआ पहले से काफी बेहतर जीवन जी रहे हैं बाजारों में भी अब मशरूम का डिमांड बढ़ने लगा है और 200 किलो मशरूम बिकता है विभाग से बहुत सहयोग मिला और उन्हीं के सहयोग के कारण आज में सफल किसान के रूप में साबित हुआ हूँ।

वही महिषी प्रखंड उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार ने बताया कि आलम के घर की स्थिति पहले ठीक नहीं थी जिसे देखने के बाद आलम के घर पर पहुंचे और उन्हें सरकार की योजना के बारे में जानकारी दी गई खेती में यह दिलचस्पी रखते थे इसके बाद इन्हें मखाना खेती के बारे में बताया गया इन्होंने इसकी खेती की शुरुआत की जिसमें सफलता मिल गई फिर इनका हौसला बढ़ा और योजना से सब्सिडी दी गई जिनके सहयोग से इन्होंने एक अलग पहचान बनाया और कृषि के क्षेत्र में यह युवा एक ब्रांड बन गया विभाग ऐसे किसानों की मदद भी कर रही है और हम लोग किसान के दरवाजे तक पहुंचते हैं और उन्हें योजना के बारे में बताया जाता है तमाम जानकारियां दी जाती है और उसका लाभ ऐसे किसानों को दिया जाता है दरवाजे से लेकर व्यापार तक मदद किया जाता है।

Gautam Kumar

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