नीतिश के प्रगति यात्रा के दौरान चौथे स्तंभ का हनन

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NGTV NEWS । औरंगाबाद । नीतिश कुमार के प्रगति यात्रा के दौरान लोकतंत्र के चौथे स्तंभ यानि मीडिया के साथ हुए विवादों ने एक बार फिर से सरकारी प्रशासन की नीयत पर सवाल उठाए हैं। मुख्यमंत्री नीतिश कुमार जब औरंगाबाद क्षेत्र के देव में अपनी यात्रा पर थे, तब पत्रकारों के साथ बदतमीजी की गई। यह घटना उस समय हुई जब पत्रकार अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों को निभाने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए वहां उपस्थित थे।इस प्रगति यात्रा के दौरान, मीडिया कवरेज को रोकने की कोशिश की गई। औरंगाबाद पुलिस प्रशासन ने न केवल पत्रकारों को नो एंट्री दिया, बल्कि वरिष्ठ पत्रकारों के साथ भी बदतमीजी की गई। यह स्थिति तब बनी जब पत्रकारों के पास जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किया गया मीडिया पास था, फिर भी उन्हें कार्यक्रम की कवरेज से रोका गया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है?इस बात की भी चर्चा हो रही है कि देव महोत्सव के दौरान भी मीडियाकर्मियों के साथ बदतमीजी का मामला सामने आया था। यहां भी संवाददाताओं को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया और उन्हें डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई। ऐसे हमलों ने न केवल पत्रकारों को, बल्कि पूरे मीडिया समुदाय को चिंतित किया है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि प्रशासन की सोच क्या है, और वह मीडिया की भूमिका को किस नजरिए से देखता है। जनजीवन के महत्वपूर्ण मामलों की मीडिया कवरेज का हनन करना केवल अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे पत्रकारों को प्रभावित नहीं करता, बल्कि यह लोकतंत्र के मूल्यों पर भी खतरा डालता है। अगर इस तरह के घटनाक्रम जारी रहते हैं, तो यह निश्चित रूप से हमारे लोकतंत्र की नींव को कमजोर करेगा। इसलिए, यह बेहद जरूरी है कि प्रशासन से अपेक्षा की जाए कि वह जनहित में कार्य करें और मीडिया को अपनी स्वतंत्रता से कार्य करने की अनुमति दें।

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