मिडकैप-स्मॉलकैप ने बढ़ाई करोड़ों निवेशकों की टेंशन, सबसे ज्यादा गिरने वाले स्टॉक्स की लिस्ट देखिए..

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NGTV NEWS । NEWS DESK । भारतीय शेयर बाजार में बीते कुछ दिनों से भारी गिरावट देखने को मिली है. खासकर, ब्रॉडर मार्केट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब होते दिख रही है. निफ्टी मिडकैप इंडेक्स ऊपरी स्तर से करीब 19% फिसल चुका है. वहीं, स्मॉलकैप इंडेक्स दिंसबर 2024 के शिखर से 20% तक फिसल चुका है. बाजार में इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण FIIs की बिकवाली को बताया जा रहा है.

FIIs ने 2025 में अब तक एक लाख करोड़ रुपये की बिकवाली कर ली है. अक्टूबर 2024 के बाद FIIs की बिकवाली का ये आंकड़ा 3 लाख करोड़ के पार पहुंच चुका है. मिडकैप और स्मॉलकैप के करीब 30% अपने 52-हफ्ते के निचले स्तर पर फिसल चुके है. वहीं, इसमें से 70% स्टॉक्स दिन के शिखर से 30% नीचे फिसल चुके हैं.

मंदी की चपेट में ये इंडेक्स

सेंसेक्स-निफ्टी की बात करें तो ये दोनों इंडेक्स भी शिखर से 12-13% तक फिसल चुके हैं. दोनों इंडेक्स सितंबर 2024 में अपने शिखर पर पहुंचे थे. हालिया गिरावट के साथ स्मॉलकैप इंडेक्स अब करेक्शन फेज में जा चुका है. मिडकैप इसके बेहद करीब है. निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स शिखर से 24% और निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स शिखर से 22% तक नीचे फिसल चुके हैं.

अगर सेक्टोरल इंडेक्स में देखें तो यह गिरावट और भी गंभीर नजर आ रहा है. शिखर से मीडिया इंडेक्स 34%, एनर्जी इंडेक्स 32%, PSU इंडेक्स 30%, रियल्टी इंडेक्स 27%, PSU बैंक इंडेक्स 27% और मेटल इंडेक्स 22% तक फिसल चुके हैं.

बाजार को तीसरी तिमाही में कंपनियों के अच्छे नतीजों का इंतजार था. लेकिन, इस मोर्चे पर भी निराशा मिली है. दिसंबर तिमाही में अनुमान से बेहतर नतीजों के मुकाबले अनुमान से खराब नतीजे वाली कंपनियों की लिस्ट बड़ी है.

निफ्टी में और भी गिरावट संभव

DSP Mutual Fund के विनीत साम्ब्रे ने कहा कि निफ्टी में 5-6% की और गिरावट देखने को मिल सकती है. करेक्शन के दौरान स्मॉलकैप-मिडकैप इंडेक्स ने पहले भी लार्जकैपके मुकाबले 1.5 – 2 गुना तक करेक्शन दिखाया है. CNBC-TV18 से खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने पोर्टफोलियो रीबैलेंस किया है. खपत से जुड़े कुछ स्टॉक्स को शामिल किया है.

फेड ने क्या कहा?

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व चेयरमैन, जेरोम पॉवेल ने कहा है कि दरों में कटौती की कोई जल्दबाजी नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी इकोनॉमी में मजबूती बनी हुई है. बेरोजगारी और महंगाई के आंकड़ों के आधार पर ही फेड आगे का फैसला लेगा.

इसके अलावा निवेशकों को महंगाई के आंकड़ों का भी इंतजार है. आज बाजार बंद होने के बाद जनवरी 2024 के महंगाई के आंकड़े जारी होंगे. जनवरी में महंगाई 4.6% के साथ 5-महीने के निचले स्तरों रहने का अनुमान है.

Anu Gupta

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