NGTV NEWS । औरंगाबाद । जिला विधिक सेवा प्राधिकार, के अन्तर्गत बाल अनुकूल कानूनी सेवाऐं योजना, 2024 के कार्यान्वयन के लिए पैनल अधिवक्ताओं तथा पारा विधिक स्वयं सेवकों से सम्बन्धित गठित कानूनी सेवा इकाई के सदस्यों का दो दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का आज समापन किया गया।अभिविन्यास के अन्तिम सत्रों का सम्बोधन विशेष न्यायाधीश पोक्सो श्री लक्ष्मीकान्त मिश्रा द्वारा पाॅक्सो अधिनियम से सम्बन्धित विभिन्न प्रावधानों पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों का सम्बन्ध है जिसमें बच्चों के हित के लिए राज्य के द्वारा विशेष प्रबंध किये जाने का प्रावधान है इसके साथ-साथ अनुच्छेद 15(3) के अन्तर्गत भी मौलिक अधिकार में रखा गया है और इसी बात को युनाईटेड नेशन के 1992 में हुए कन्वेशन में बच्चों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए राज्यों को सर्वोपरि उद्देश्य बताया गया है जिसमें लगभग सभी देशों के द्वारा प्रबन्ध किये जाने की सहमति प्रदान की गयी थी। इसके साथ-साथ देश में निर्भया काण्ड के बाद आपराधिक कानूनों में कई परिवर्तन किये गये एवं बच्चों से सम्बन्धित होने वाले अपराधों के प्रति गम्भीर एवं कठोर दण्ड का प्रावधान किया गया जिसका उदाहरण के रूप में पाॅक्सो अधिनियम लिया जा सकता है। उनके द्वारा बताया गया कि बच्चों के विरूद्ध यौन हिंसा में बच्चों कें उम्र के अनुसार दण्ड का प्रावधान किया गया है जिसे तीन भागों में बांटा गया है। पहले भाग में 12 साल के बच्चों के विरूद्ध हुए अपराध के लिए दण्ड का प्रावधान अत्याधिक कठोर बनाया गया है उसके बाद 12 से 16 वर्ष के बच्चों के विरूद्ध हुए अपराध के लिए दण्ड का प्रावधान है तदुपरान्त 16 से 18 वर्ष के बच्चों के विरूद्ध हुए यौन अपराधों के विरूद्ध दण्ड का प्रावधान किया गया है। न्यायालय उक्त अधिनियम में अपराधी को दण्ड देते समय पीड़ित एवं पीड़िता के उम्र को देखते हुए दण्ड का निर्धारण करता है। इसके अतिरिक्त पाॅक्सो जज द्वारा बताया गया कि अन्य आपराधिक कानूनों से अलग पाॅक्सो अधिनियम है जिसमें अपराधी अथवा बचाव पक्ष पर यह दायित्व होता है वह अपराध कारित नहीं किया है वह साबित करें जबकि अन्य अपराधिक कानूनों में अभियोजन को साबित करना होता है कि बचाव पक्ष के द्वारा अपराध किया गया है। इसके अतिरिक्त पाॅक्सो जज द्वारा बच्चों से जुड़े कई प्रावधानों पर विस्तृत रूप से उपस्थित लोगो को अवगत कराते हुए कहा गया कि जितना जानकारी आपको उपलब्ध कराया गया है वह समाज को बच्चों के विरूद्ध यौन हिंसा को रोकने में समाज को जागरूक करें एवं अगर बच्चों की विरूद्ध यौन हिंसा की जानकारी प्राप्त हो तो इसकी षिकायत अवश्य करें।बाल अनुकूल कानूनी सेवाऐं योजना, 2024 के कार्यान्वयन के लिए पैनल अधिवक्ताओं तथा पारा विधिक स्वयं सेवकों से सम्बन्धित गठित कानूनी सेवा इकाई के सदस्यों का दो दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम का जिला विधिक सेवाय प्राधिकार के सचिव सुकुल राम के सम्बोधन के पश्चात् समापन किया गया तथा कहा गया कि इन दों दिनों में जितने विषेषज्ञों द्वारा अलग-अलग विषय पर आपको जानकारी उपलब्ध करायी गयी है यह जानकारी आपको समाज के हित के लिए उपयोग करना चाहिए ताकि एक अपराध मुक्त समाज निर्माण का आप स्वयं वाहक बन सके।
Gautam Kumar