NGTV NEWS । NEWS DESK । शुक्रवार से प्रारंभ बिहार विधानमंडल सत्र में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) का एजेंडा नजर आएगा। नीतीश सरकार आम जन को आकर्षित करने के लिए क्या नया करने जा रही है, इसकी झलक दिखेगी।दूसरी तरफ, विपक्ष अपने हाव-भाव से बता देगा कि चुनाव के मैदान में वह किन हथियारों से लैस होकर जाएगा।बेशक दोनों पक्ष आक्रामक रहेंगे और इसका प्रभाव सदन की कार्यवाही पर भी पड़ेगा। दोनों सदनों की बैठक 20 दिन के लिए निर्धारित है। शुक्रवार को राज्यपाल विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे।
मंत्रिमंडल की पूर्ण क्षमता के साथ नजर आएंगे CM नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार अपने मंत्रिमंडल की पूर्ण क्षमता के साथ सदन में नजर आएंगे। नए मंत्री कुछ अधिक उत्साह दिखाएंगे। सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्यों की मायूसी भी सामने आएगी।
मंत्री बनने की उम्मीद में थे, बन नहीं पाए, लेकिन इनकी मायूसी सत्तारूढ़ दल को असहज नहीं होने देगी, क्योंकि सिर पर चुनाव है और टिकट का निर्णय एनडीए के घटक दलों के नेतृत्व को करना है, इसलिए विधायक यह नहीं चाहेंगे कि सदन में अपनी अप्रसन्नता प्रकट कर पैर पर कुल्हाड़ी मार लें।
पूर्ण बजट पेश करेगी सरकार
अक्टूबर-नवंबर में चुनाव है, इसलिए सरकार पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में कुछ नई घोषणाओं की भी संभावना है।इस क्रम में सरकार अब तक दी गई और भविष्य में दी जाने वाली नौकरियों की चर्चा करेगी। रोजगार का आंकड़ा पेश करेगी। सत्ता से अलग होने के बाद राजद नियोजित ढंग से यह प्रचार कर रहा है कि नौकरियों और रोजगार के अतिरिक्त अवसरों के सृजन में उसकी भूमिका रही है।
एनडीए ने राजद के इस दावे की हवा निकालने के लिए लगातार प्रचार किया। अब यह विषय साफ हो गया है कि इन मामलों में राजद की निर्णायक भूमिका नहीं रही है।
आरक्षण का दायरा 65 प्रतिशत तक बढ़ाने के मामले में सरकार के पास बचाव का सुरक्षित रास्ता है कि इसे सुप्रीम कोर्ट ने रद किया है। इसमें बिहार सरकार की कोई भूमिका नहीं है। फिर भी विपक्ष नए तर्कों के साथ इस मुद्दे को उठाएगा। अपराध और भ्रष्टाचार के मुद्दे को राजद मुखर होकर उठाएगा।
बुजुर्गों को दी जाने वाली पेंशन राशि में वृद्धि हो सकती है। महिलाओं को विशेष आर्थिक मदद की घोषणा भी हो सकती है।
वैसे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा में आधारभूत संरचना के निर्माण के क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की नई योजनाओं की घोषणा की है। इनके लिए बजट में अतिरिक्त प्रविधान किया जा सकता है।
जाति आधारित गणना के आधार पर जिन 94 लाख गरीबों को दो-दो लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया है, इस मद में भी अतिरिक्त राशि का प्रविधान किया जा सकता है।
रोजगार और नौकरी होगा बड़ा मुद्दा
विपक्ष नौकरी और रोजगार के अलावा आरक्षण का दायरा बढ़ाने के मुद्दे को उछालेगा। नौकरी और रोजगार के मोर्चे पर राज्य सरकार अपने वायदे के अनुसार काम कर रही है। विपक्ष अगर इसे मुद्दा बनाता है तो सरकार बताएगी कि अबतक कितने लोगों को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं।
Anu Gupta