पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात डिपोर्टेशन और टैरिफ पर क्या मना पाएंगे पीएम मोदी

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NGTV NEWS । NEWS DESK । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार शाम (भारतीय समयानुसार गुरुवार सुबह) अमेरिका पहुंच गए. वाशिंगटन डीसी में एयरपोर्ट पर उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ, फिर ब्लेअर हाउस में भी बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय उनसे मिलने पहुंचे. उन्होंने अमेरिका की इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड से भी मुलाकात की. दो दिवसीय यात्रा का यह पहला दिन तो निकल गया, लेकिन अब असल काम दूसरे दिन होना है. कल पीएम मोदी को राष्ट्रपति ट्रंप से मिलना है. यह मुलाकात कई मामलों में बेहद अहम मानी जा रही है.

इस मुलाकात में मोदी और ट्रंप दोनों दशों के बीच व्यापार और रक्षा सहयोग बढ़ाने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल भारत के लिए जो सबसे जरूरी मुद्दे हैं क्या उन पर भी बात होगी? और अगर हुई तो क्या पीएम मोदी अपने जिद्दी दोस्त ट्रंप को मना पाएंगे? यह देखना दिलचस्प होगा.

यह दो मुद्दे डिपोर्टेशन और टैरिफ हैं. डिपोर्टेशन की मार तो भारत झेल ही रहा है और इसे लेकर संसद में भी खूब हल्ला मच रहा है. टैरिफ की मार अभी भारत को नहीं पड़ी है लेकिन यह कभी भी शुरू हो सकती है. ऐसे में एक्शन के पहले ही ट्रंप को साध लिया जाए, संभवतः यही पीएम मोदी की कोशिश होगी.

डिपोर्टेशन ठीक लेकिन तरीका गलत

5 फरवरी को एक अमेरिकी सैन्य विमान से 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को अमृतसर डिपोर्ट किया गया. आगे भी सैकड़ों भारतीयों को डिपोर्ट किया जाना है. वैसे अमेरिका से ऐसे प्रवासियों का डिपोर्टेशन पहले भी होता रहा है लेकिन इस बार जिस बर्ताव के साथ भारतीयों को वापस भेजा गया, वैसा पहले कभी नहीं हुआ. भारतीयों को सैन्य विमान में हथकड़ी और बेड़ियां बांधकर लाया गया. इस मुद्दे पर भारतीय संसद में विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को जमकर घेरा भी है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि डिपोर्टेशन ठीक है लेकिन भारतीयों को इस तरह अमानवीय तरीके से नहीं भेजा जाना चाहिए. विपक्षी दल यह मांग भी कर रहे हैं कि पीएम मोदी को ट्रंप से मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाना चाहिए.

संसद में इस मुद्दे को लेकर जिस तरह बवाल मचा है तो संभव है कि पीएम मोदी आगामी मुलाकात में ट्रंप के सामने यह बात उठाएं, लेकिन ट्रंप इस पर सहमत हो जाए यह इतना आसान भी नहीं. दरअसल, सत्ता में वापसी करते ही ट्रंप ने प्राथमिकता के साथ अवैध प्रवासियों को अमेरिका से बाहर भेजने का फैसला किया. अमेरिका से इतने बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन शायद पहले कभी नहीं हुआ. ऐसे में इतनी ज्यादा तादाद में अवैध प्रवासियों को उनके-उनके देश वापस भेजने के लिए ट्रंप रेगुलर फ्लाइट का इस्तेमाल शायद ही करें. हां, यह जरूर हो सकता है कि इन भारतीयों को ले जाने के लिए भारत अपने यहां से फ्लाइट भेजें. अब यह हो पाता है या नहीं, इसके लिए इंतजार करना होगा.

टैरिफ वॉर शुरू होने से पहले ही रोकने की कोशिश

डोनाल्ड ट्रंप अपने पड़ोसी देश मैक्सिको और कनाडा से आने वाली वस्तुओं पर 25% टैरिफ का ऐलान कर चुके हैं. चीन पर भी 10% टैरिफ लगाया जा चुका है. भारत का नंबर अभी नहीं आया है लेकिन ट्रंप पिछले कार्यकाल में भारत को टैरिफ किंग बता चुके हैं. वह कहते रहे हैं कि अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर कोई टैरिफ नहीं लगता लेकिन भारत में अमेरिकी उत्पादों पर मनमाना टैरिफ वसूला जाता है, यह गलत है. पिछली बार हार्ले डेविडसन बाइक पर टैरिफ को लेकर उन्होंने भारत पर खूब निशाने साधे थे. ऐसे में संभव है कि देर-सवेर वह भारत के खिलाफ भी टैरिफ वॉर शुरू कर सकते हैं.

पीएम मोदी की कोशिश होगी कि अमेरिकी और भारत के बीच चल रहे व्यापार में किसी तरह की बाधा न आए, इसलिए वह इस मामले में ट्रंप को मनाएंगे. वैसे, इस मामले में ट्रंप यूं ही मानने वाले नहीं हैं, हो सकता है कि भारत को भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ में छूट देना पड़े.

Anu Gupta

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