NGTV NEWS । औरंगाबाद । भारत में राजनीति और सामाजिक न्याय की दिशा में कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हो रही हैं। केन्द्र सरकार द्वारा ओबीसी की जाति आधारित जनगणना को न करने के विवाद ने एक नया मोड़ लिया है। यह कदम न केवल सामाजिक असमानता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि उन समुदायों की पहचान और विकास को भी प्रभावित कर रहा है जो ऐतिहासिक रूप से हाशिये रहे हैं। इस मुद्दे पर आवाज उठाने के लिए भारत मुक्त्ति मोर्चा और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने एक राष्ट्रव्यापी जेल भरो आन्दोलन की घोषणा की है।आन्दोलन की शुरुआत बुधवार को शहर के गांधी मैदान से हुई, जहां हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की। वक्ता वामन मेश्राम के नेतृत्व में यह रैली रमेश चौक तक पहुंची, जिसमें लोगों ने स्वेच्छा से अपनी गिरफ्तारी दी। यह गिरफ्तारी केवल एक प्रतीकात्मक प्रदर्शन नहीं थी, बल्कि समाज के सभी तबकों के लिए एक मजबूत संदेश था कि अन्याय के खिलाफ खड़े होने का समय आ गया है। आन्दोलन में विभिन्न संगठनों जैसे राष्ट्रीय किसान मोर्चा, राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ और भारतीय विद्यार्थी मोर्चा ने भी समर्थन दिया।इस आन्दोलन के पीछे का एक प्रमुख उद्देश्य है चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम मशीन के माध्यम से हो रही धांधली के खिलाफ आवाज उठाना। कई राजनीतिक दल इस बात का आरोप लगाते रहे हैं कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकता है।
आन्दोलन का एक और महत्वपूर्ण पहलू है बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी का अपमान, जिसे हाल ही में अमित शाह द्वारा किया गया। बाबा साहब का योगदान भारतीय समाज के लिए अनमोल है और इस प्रकार का अपमान समाज में असमानता को बढ़ावा देता है। आन्दोलन के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने इस अपमान के खिलाफ अपनी भर्त्सना की और बाबा साहब के विचारों को पुनः प्रासंगिक बनाने का संकल्प लिया।महाबोधि महाविहार को ब्राह्मणों के कब्जे से मुक्त करने का मुद्दा भी आन्दोलन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है।इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी मा. प्रवेन्द्र प्रताप सिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष मा. ए. के. अम्बेडकर, जिला अध्यक्ष मिथलेश यादव, विक्रांत भारती, कमलेश यादव, सुबेदार मेहता, सुरेन्द्र राम, रामप्रवेश पासवान, महेश यादव, बिनोद यादव, गिरजा चंद्रवंशी, सुधीर गुप्ता, अरुण गुप्ता, संतोष मेहता सहित हजारों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
Gautam Kumar