मनीष सिसोदिया का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू, एंटी इनकंबेंसी फैक्टर, कांग्रेस से दूरी, क्यों बदली सीट

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NGTV NEWS । NEWS DESK । दिल्ली विधानसभा चुनाव दिलचस्प होते जा रहे हैं। छह महीने पहले लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने वाली आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अब अलग-अलग चुनावी मैदान में हैं तो बीजेपी विधानसभा में AAP का किला भेदने की कोशिश में जुटी है। अरविंद केजरीवाल के बाद आम आदमी पार्टी में सबसे ताकतवर नेता मनीष सिसोदिया का दावा है कि फिर AAP की सरकार बनने जा रही है। लेकिन कैसे बनेगी? क्या कांग्रेस उनका खेल बिगाड़ेगी और जीत का इतना भरोसा था तो फिर खुद सिसोदिया ने अपनी सीट क्यों बदल ली? इन सवालों को लेकर मनीष सिसोदिया से बात की गुलशन राय खत्री और कात्यायनी उप्रेती ने…

अचानक आपने सीट क्यों बदल ली ? पटपड़गंज से जंगपुरा क्यों आ गए ?

जवाब: जब आप चुनाव लड़ते हैं, राजनीति मेंअपने फैसले लेते हैं तो कई बार पॉजिटिव नोट के लिए स्ट्रैटेजिक डिसीजन लेते हैं। अब जैसे मोदी जी गुजरात से वाराणसी से चुनाव लड़ने क्यों गए ? ये उनका एक पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिक फैसला था। तो इसी तरह जंगपुरा में आना मेरा भी एक रणनीतिक फैसला था। हम चाहते हैं कि शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अच्छे लोग राजनीति में आएं। ये हमारा प्रयोग है। इसी क्रम में हमने अवध ओझा को आमंत्रित किया। हमने उन्हें पटपड़गंज से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया। इस तरह के फैसले का मकसद ये है कि अच्छे लोगों को भी पता रहे कि हम शिक्षाविदों का सम्मान करते हैं और उनके लिए सीट भी छोड़ सकते हैं।

आप की सरकार को दस साल हो गए, एंटी इनकंबेंसी फैक्टर भी तो काम करेगा?

जवाब: देखिए 10 साल का एक्सपीरियंस है सरकार में काम करने का। अगर कहीं किसी एक आदमी को हमारी किसी गलती से कोई नाराजगी होगी, तो उसको ये संतुष्टि भी होगी कि उसके बिजली के बिल जीरो आ रहे हैं, उसके बच्चे अच्छा पढ़ रहे हैं, उसकी गली में सीसीटीवी कैमरा लगा है, स्ट्रीट लाइट लगी है, उसके माता-पिता तीर्थ यात्रा कर आए हैं, महिलाएं फ्री बस सफर कर रही हैं। हमने दिल्ली में महंगाई नहीं बढ़ने दी। तो जिंदगी को आसान बनाने में अरविंद केजरीवाल की 10 साल की उपलब्धियां से लोगों को लगता है कि वो नहीं होते तो दिल्ली में जीना मुश्किल हो जाता।

यमुना की सफाई हमारे ही दिल के करीब का मुद्दा है। हम चाहते हैं कि यमुना साफ हो। मैं भी दिल्ली वासी हूं। सरकार में हमें मौका मिला, तो हमने इस पर काम करना शुरू किया। पूरी तरह से इसके नतीजे नहीं आ पाए मगर आएंगे। हम प्रतिबद्ध हैं। यमुना साफ करना जुमला नहीं था और यह हमसे साफ नहीं हुई, हम यह भी मान रहे हैं। जहां तक एलजी और बीजेपी की बात है, यह 2015 से नौटंकी चल रही है।

हम स्कूल क्लासरूम बनवाते हैं, तो ये सवाल करते हैं। हम मोहल्ला क्लिनिक लाते हैं, यह रोकने की कोशिश करते हैं। फ्री बिजली, सीसीटीवी लाते हैं, तो भी रोकने की कोशिश करते हैं। दूसरी तरफ, बीजेपी के पास लॉ एंड ऑर्डर है और अब वो कह रही है कि स्कूल-अस्पताल दे दें, मगर जब इनसे लॉ एंड ऑर्डर नहीं संभला, तो स्कूल-अस्पताल देकर लोग क्यों बर्बाद करवाएंगे

आपकी पार्टी करप्शन फ्री गवर्नेंस की बात करती थी। आप कहते थे कि आरोप लगने पर पद छोड़ देना चाहिए, अब आरोप तो आप नेताओं पर भी लगे?

जवाब: जनता देख रही है कि एक पार्टी है जिसने बजट बढ़ा दिया। स्कूल-अस्पताल पर काम किया। लोग चाहते तो कितना पैसा कमा सकते थे। लोग यह भी देख रहे हैं कि इनके खिलाफ कुछ नहीं मिला तो ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग करके इनके ऊपर ऐसी धाराएं लगवा दी गई जो आतंकवादियों, ड्रग माफिया के ऊपर लगाई जाती हैं। जेल में डाल दिया गया। मगर साबित आज तक कुछ नहीं हुआ, यह जनता देख रही है।

सवाल: इंडिया गठबंधन का भविष्य क्या लग रहा है?

जवाब: यह हर चुनाव में अलग-अलग है। बीजेपी से जिस तरह की लड़ाई है, उसमें अलग-अलग समय पर अलग-अलग चुनाव, अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रणनीति बनी। तो भविष्य हर चुनावी नतीजा ही तय करेगी।

Anu gupta

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