दिल्ली में राहुल गांधी और  प्रियंका के रोड शो से पार्टी को मिलेगा नया संजीवनी

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NGTV NEWS । NEWS DESK । दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस अपनी वापसी के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस बार चुनावी मैदान में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी के बीच है, लेकिन कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति तैयार कर दी है. पिछले चुनावों में कांग्रेस की स्थिति खराब रही थी, जहां 2020 में पार्टी महज 5% वोट ही ला पाई थी और 2015 तथा 2020 में उसका खाता भी नहीं खुल पाया था. अब कांग्रेस की पूरी ताकत दिल्ली में अपनी राजनीतिक पहचान फिर से बनाने में लगी हुई है. दिल्ली में कांग्रेस की कोशिश इस बार सिर्फ चुनाव जीतने की नहीं, बल्कि पार्टी की भविष्यवाणी और अस्तित्व की लड़ाई लड़ने की है.।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी ने प्रचार की जिम्मेदारी इन दोनों बड़े नेताओं के कंधों पर डाली है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी इस बार लगभग एक दर्जन बड़े रोड शो और रैलियां आयोजित करने की योजना बना रही है, जिनमें राहुल और प्रियंका गांधी प्रमुख रूप से शामिल होंगे. खासकर राहुल गांधी की मौजूदगी की डिमांड पार्टी के उम्मीदवारों और प्रदेश कांग्रेस के नेताओं द्वारा सबसे ज्यादा की जा रही है. साथ ही कांग्रेस के लिए नई दिल्ली विधानसभा सीट पर खास चुनौती है, क्योंकि आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को उतारा है, जो पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं. कांग्रेस की योजना इस सीट पर राहुल गांधी का रोड शो आयोजित करने की है, जिसे पार्टी चुनावी प्रचार का महत्वपूर्ण हिस्सा मान रही है.

इसके अलावा कांग्रेस की दोहरी रणनीति इस चुनाव में देखने को मिल रही है. एक तरफ राहुल गांधी ने हाल ही में सीलमपुर में अपनी पहली रैली की, जिसमें उन्होंने बीजेपी और आम आदमी पार्टी, खासकर अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा. दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों से कहा है कि वे घर-घर जाकर जनसंपर्क करें और पार्टी के पांच मुख्य वादों को लोगों तक पहुंचाएं. इसके लिए पार्टी ने हैंड बिल और पोस्टरों का उपयोग करने की योजना बनाई है, ताकि जनता के बीच कांग्रेस की नीतियों और योजनाओं का प्रचार हो सके. कांग्रेस का उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं, बल्कि दिल्ली में अपनी खोई हुई राजनीतिक जमीन को फिर से हासिल करना है और इसके लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की रैलियां पार्टी के लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकती हैं.

Anu gupta

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