बारूण में जन सुराज विचार मंच की बैठक में बोले वरीय अधिवक्ता शशांक, बिहार को विकसित राज्य बनाएगा जन सुराज

Share on Social Media

1000430511.jpg

NGTV NEWS । औरंगाबाद । जन सुराज विचार मंच की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को बारूण में संपन्न हुई। बैठक में बतौर मुख्य वक्ता जन सुराज की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य व औरंगाबाद जिला प्रवक्ता सह वरीय अधिवक्ता शशांक शेखर दूबे के अलावा जिला मीडिया प्रभारी अधिवक्ता लालमोहन यादव, जिला संगठन उपाध्यक्ष व बारूण के उप प्रमुख कमलेश पासवान, बारूण प्रखंड के प्रभारी मंत्री योगेंद्र पासवान, विनोद पासवान, धर्मेंद्र पासवान उर्फ लाल बाबू, सुशील गुप्ता एवं रामप्रसाद सिंह आदि ने विचार रखे। वक्ताओं ने जन सुराज की अवधारणा, विचार मंच के क्रियाकलापों, बिहार की राजनीति की दशा-दिशा और स्थानीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कार्यकर्ताओं से जन सुराज की विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने में महती भागीदारी निभाने का आह्वान किया। बैठक में मुख्य वक्ता शशांक शेखर दूबे ने कहा कि जन सुराज समृद्ध बिहार बनाने की परिकल्पना है। हमारा उदेश्य देश के सबसे गरीब और पिछड़े राज्य में शुमार हो रहे बिहार में बदलाव लाना और नया बिहार बनाना है।भारत के सबसे गौरवशाली इतिहास वाले राज्यों में से एक बिहार की गिनती आजादी के बाद 50 और 60 के दशक तक देश के अग्रणी राज्यों में होती थी। लेकिन, 1970 के दशक के बाद से बिहार विकास के मानकों पर धीरे-धीरे पिछड़ता गया। इसकी एक वजह राज्य में 1967 से 1990 के दौरान की राजनीतिक अस्थिरता रही। इस 23 साल के कालखंड में 20 से ज्यादा सरकारें आईं और गईं, जिसकी वजह से विकास सरकारों की प्राथमिकताओं में कहीं पीछे चला गया। 1990 के बाद राजनीतिक स्थिरता तो आई लेकिन,1990 से 2005 तक की सरकार ने सामाजिक न्याय को अपनी प्राथमिकता बताया। इस दिशा में कुछ सफलता भी मिली लेकिन 2005 आते-आते बिहार विकास के सभी मानकों पर देश में न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया।कहा कि जन सुराज सही लोग, सही सोच, सामूहिक प्रयास के राह पर चलने वाला संगठन है।

उन्होने कहा कि सही लोग जमीन से जुड़े वे लोग जिनका वर्तमान और भविष्य बिहार की बदहाली और खुशहाली से जुड़ा है, जिनको मुद्दों की समझ है, जो लोग अपने स्तर पर यहां की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं और इन सबसे बढ़कर जिनके अंदर बिहार को बदलने का जज्बा है, वें लोग लगातार जन सुराज से जुड़ रहे है। हमारा कारवां लगातार बढ़ रहा है।

सही सोच बिहार के समग्र विकास का एकमात्र रास्ता सुराज है। ऐसा सुराज जो किसी व्यक्ति या दल का न होकर, जनता का हो। समाज के समग्र विकास के लिए ऐसी ही सोच महात्मा गांधी भी रखते थे। गांधी के इसी विचार से प्रेरित होकर जन सुराज की परिकल्पना की गई है। जन सुराज की इस परिकल्पना में सभी वर्गों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं का ध्यान रखा जा रहा है। संगठन नीति-निर्धारण और उसके क्रियान्वयन में समाज के अंतिम व्यक्ति की न सिर्फ चिंता कर रहा है बल्कि उन्हें इसमें भागीदार बनाने की सोंच पर काम हो रहा है।कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक दल या मंच समाज की बेहतरी के लिए लोगों के सामूहिक प्रयास करने का जरिया होते हैं। इसी दिशा में जन सुराज एक ऐसे राजनीतिक मंच की परिकल्पना है, जो लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार बिहार को विकसित करने के लिए सामूहिक प्रयास करने का अवसर प्रदान करे और इससे जुड़ने वाले लोगों ने ही जन सुराज को राजनीतिक दल बनाया है। बैठक में दर्जनों जन सुराजी मौजूद रहे।

Gautam Kumar

error: Content is protected !!