सुरंग में फंसे 8 लोगों तक रेस्क्यू टीम के जल्द पहुंचने की उम्मीद, गैस कटर से TBM मशीन को काटा जा रहा
NG TV desk तेलंगाना में पिछले पांच दिन से अधिक समय से सुरंग में फंसे 8 मजदूरों को बाहर निकालने का अभियान तेज कर दिया गया है। सेना, नौसेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें युद्धस्तर पर अभियान में जुटी हैं। हालांकि अभी तक मजदूरों से किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं हो पाया है। अब बचाव दल ने टनल बोरिंग मशीन (TBM) और अन्य मलबे को काटना शुरू कर दिया है। मशीन को काटने के बाद टीम सुरंग में आगे बढ़ेगी।
नगरकुरनूल के पुलिस अधीक्षक वैभव गायकवाड़ ने कहा कि सुरंग में कन्वेयर बेल्ट के क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक कर दिया गया है। इसके माध्यम से मलबे को अंदर से बाहर निकाला जा सकेगा। जब अधिकारी से पूछा गया कि क्या गैस कटर ने काम करना शुरू कर दिया है तो उन्होंने कहा कि रात में ही गैस कटर से कुछ हिस्सा काटा गया है। कटाई का काम कल रात से ही शुरू हो चुका है। एसपी ने कहा कि वह इस बात का जवाब नहीं दे सकते कि फंसे हुए लोगों का आज पता चल पाएगा या नहीं।
टुकड़ों में काटकर निकाली जाएगी टीबीएम
तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बुधवार को कहा कि अंदर लगी टीबीएम को गैस कटर से टुकड़ों में काटकर निकाला जाएगा। इसके बाद सेना, नौसेना, रैट माइनर्स और एनडीआरएफ की टीमें अंदर फंसे 8 लोगों को बाहर निकालने की कोशिश करेंगे।
इस बीच खबर आ रही है कि सुरंग निर्माण में लगे मजदूरों ने डर की वजह से काम से घर लौटने की बात कही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक नहर परियोजना पर 800 लोग काम कर रहे हैं। इनमें से 300 स्थानीय लोग हैं। बाकी झारखंड, ओडिशा और यूपी जैसे राज्यों से आए हैं।
अधिकारी ने कहा की मीडिया रिपोर्ट्स के बाद मजदूर घबरा गए हैं। वे लौटने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी ने श्रमिकों के लिए आवासीय शिविर बनाए हैं। हमारे पास श्रमिकों के सामूहिक पलायन की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। हो सकता है कि कुछ लोग वापस जाना चाहते हों।
22 फरवरी को हुआ हादसा
तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में 22 फरवरी को श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग परियोजना में बड़ा हादसा हुआ था। सुरंग में लगभग 14 किमी अदर छत का 3 मीटर हिस्सा अचानक ढह गया था। मौके पर 50 मजदूर काम करने में जुटे थे। इनमें से 42 लोग वहां से भागने में कामयाब रहे। मगर 8 लोग अंदर ही फंस गए।
एसएलबीसी परियोजना का काम जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को मिला है। जेपी समूह के संस्थापक अध्यक्ष जयप्रकाश गौड़ ने इस घटना पर कहा कि कठिन कार्यों के दौरान दुर्घटनाएं हो सकती हैं। गौड़ ने आगे कहा कि टीमें यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं कि फंसे हुए लोग बाहर आ सकें।
कहां के रहने वाले हैं फंसे हुए मजदूर?
सुरंग में फंसे आठ लोगों में दो इंजीनियर और चार मजदूर जयप्रकाश एसोसिएट्स के लिए काम करते हैं। दो ऑपरेटर हैं। सभी की पहचान मनोज कुमार (यूपी), श्री निवास (यूपी), सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और झारखंड के रहने वाले संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है।
Anu Gupta